जनपद आजमगढ़ में टायर के अभाव में खड़ी 27 रोडवेज बसें

आज़मगढ़ में टायर के अभाव में रोडवेज की कुल 27 बस खड़ी हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शुरू होने से पहले ही इन बसों का पहिया थम गया था लेकिन अब तक इनका पहिया नहीं बदला जा सका है। बस खड़ी होकर कबाड़ हो रही हैं। यदि इनमें टायर लगा दिया जाए तो सड़कों पर फर्राटा भरने लगेंगी। इससे जहां विभाग की इनकम होगी। वहीं यात्रियों को भी सहुलियत मिलेगी।

परिवहन निगम उत्तर प्रदेश में इनकम के मामले में टापटेन डिपो की सूची में आजमगढ़ डिपो का भी नाम शामिल है। यहां से आजमगढ़ और अंबेडकर डिपो संचालित होता है। दोनों डिपो में मिलाकर करीब 167 से अधिक बस हैं। इनमें से 87 बसें आजमगढ़ डिपो और 80 बस अंबेडकर डिपो की शामिल हैं। इन बसों का संचालन दिल्ली, नोएडा, कानपुर, लखनऊ,आगरा, अलीगढ़, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, बलिया आदि बड़े शहरों के लिए होता है। इसके अलावा आसपास के जिलों के लिए भी बस संचालित की जाती हैं।रोडवेज परिसर में बीते कई माह से करीब 50 से अधिक बस खड़ी हैं। इनमें से 27 बसों का टायर खराब है। मुख्यालय से टायर सहित अन्य पार्ट्स नहीं मिल रहे जिसकी वजह से यह दिक्कत आ रही है। महज तेरह हजार रुपये के एक टायर की वजह से 18 लाख रुपये मूल्य की एक बस को कबाड़ किया जा रहा। कर्मचारियों ने बताया कि करीब 27 बसों के टायर खराब हैं। यह बसें कहीं भी बीच रास्ते में पंचर होकर खड़ी हो जाती हैं। इसके अलावा सही से मरम्मत भी नहीं हो रहा है। परिवहन निगम विभाग आजमगढ़ में करीब एक माह से अधिक समय से मोटर पार्ट्स, टायर आदि का अभाव चल रहा। ऐसे में एक बस से प्रतिदिन 20 हजार रुपये की आमदनी का दर के हिसाब से प्रतिदिन करीब 10 लाख रुपये की चपत लग रही है।

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