2 और 2 चार नहीं 22 हैं हम, साथ होकर क्यों बैठी महिलाएं धरने पर।

2 और 2 चार नहीं 22 हैं हम, साथ होकर क्यों बैठी महिलाएं धरने पर।

 

 

22 गाँव की महिलाओ का धरना

उत्तरप्रदेश के जनपद शामली मे दिल्ली देहरादून इकोनामिक कॉरिडोर को लेकर चल रहे धरने का आज 25 वा दिन है और आज 25 वें दिन धरने की कमान 22 गांव से आई महिलाओं ने संभाली जहां पर महिलाओं ने धरना प्रदर्शन किया तो वही सरकार को खरी-खोटी भी सुनाई। महिलाओं ने आज धरना प्रदर्शन के दौरान कहा कि चाहे हमारे ऊपर से बुलडोजर चला दो लेकिन हम इकोनामिक कॉरिडोर के लिए 1 गज जमीन तब तक नहीं देंगे जब तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जाएगा। धरने की कमान बूढ़ी महिलाओं ने भी संभाली और सरकार को चेताया कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह आने वाले रविवार को अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरेंगी।

दरअसल आपको बता दें कि शामली जनपद में देहरादून इकोनॉमिक कोरिडोर हाईवे पर जमीन अधिग्रहण के मामले को लेकर 24 दिन से लगातार धरना दिया जा रहा है यह धरना पानीपत खटीमा हाईवे पर स्थित गाँव बुटराड़ा बस स्टैंड के पास चल रहा है। 24 दिन पूरा होने के बाद आज 25 वे दिन 22 गांव की महिलाओं ने मोर्चा संभाला है जिसमें 22 गांव की महिलाओं ने इकट्ठा होकर धरना प्रदर्शन किया और सरकार को खरी-खोटी सुनाई है और अपने जमीन अधिग्रहण मामले में सही मुआवज़ा दिए जाने की मांग की है। धरना प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने सरकार के बुलडोजर को भी ललकारा है जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि सरकार हमारी जमीन पर बुलडोजर चलाएगी तो वह बुलडोजर सबसे पहले हमारे ऊपर को गुजरेगा तब जाकर के हमारी जमीन पर बुलडोजर चलेगा, सरकार हमारी जमीन का उचित मूल्य दे और हमारे परिवार में से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दे तब ही जाकर के हम अपनी जमीन को हम सरकार को सौंपेंगे वरना सरकार अगर हमारी नहीं सुनती है तो आने वाले रविवार को पानीपत – खटीमा हाईवे जाम कर सरकार को जगाने का काम करेंगे।

 

क्या है मामला

आपको बता दें कि दिल्ली देहरादून इकोनामिक कॉरिडोर जनपद शामली से होकर निकल रहा है जिसमें शामली जनपद के 22 गांव की जमीन इस इकोनामिक कॉरिडोर किस जाति में आती है जिसको लेकर जिला प्रशासन अधिग्रहण का कार्य कर रहा है लेकिन किसानों का कहना है कि उनकी जो भूमि अधिग्रहण की जा रही है वह बिना मौजा दिए या बिना उचित मुआवजा दिए की जा रही है किसानों की मांग है कि उन्हें सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा तो दिया जा रहा है लेकिन वह 2013 के सर्किल रेट का दिया जा रहा है जबकि अब 2022 चल रहा है तो लिहाजा उन्हें 2022 के सर्किल रेट के हिसाब से मुआवजा दिया जाए। किसानों का कहना है कि जो गाजियाबाद में मुआवजा दिया गया है वहीं मुआवजा किसानों को यहां पर दिया जाए किसानों की मांग है कि एक करोड रुपए प्रति बीघा के हिसाब से उन्हें मुआवजा दिया जाए उनके खेत पर जो पेड़ खड़े हुए हैं उनका मुआवजा दिया जाए इसके साथ ही हाईवे की जद में जो नलकूप आ रहा है उसका भी उचित मुआवजा उनको दिया जाए तब जाकर वह जमीन सरकार को देंगे अन्यथा वह अपनी जमीन नहीं देंगे चाहे कुछ भी हो जाए।

 

रिपोर्टर – पंकज मलिक

 

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