2024 PM ने बोला ज्यादा बच्चे पैदा करो , कम होती आबादी से टेंशन !

2024 में भारत ने दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश का स्थान प्राप्त कर लिया है, जबकि चीन दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। जहां भारत और चीन जैसे देश आबादी की बढ़ती दर से परेशान हैं,

2024 में भारत ने दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश का स्थान प्राप्त कर लिया है, जबकि चीन दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। जहां भारत और चीन जैसे देश आबादी की बढ़ती दर से परेशान हैं, वहीं दुनिया के कुछ ऐसे देश भी हैं जहां घटती जन्मदर एक बड़ी चिंता बन गई है। इन देशों की सरकारें आबादी बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरीके और अभियान शुरू करने की तैयारी कर रही हैं।


2024 ताइवान और दक्षिण कोरिया में गंभीर स्थिति

ताइवान और दक्षिण कोरिया में जन्मदर केवल 1.1 है, जो रिप्लेसमेंट लेवल 2.1 से बहुत कम है। रिप्लेसमेंट लेवल वह मानक होता है जिससे आबादी स्थिर बनी रहती है। इन दोनों देशों में ऐसे दंपतियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो बच्चे पैदा करने में रुचि नहीं रखते। इसके कारण वहां आबादी का संकट उत्पन्न हो गया है। दक्षिण कोरिया ने इस समस्या को हल करने के लिए अलग से एक मंत्रालय भी बना दिया है।


युद्ध के चलते यूक्रेन में भी जनसंख्या संकट

यूक्रेन, जो पिछले कुछ वर्षों से युद्ध की मार झेल रहा है, वहां भी जन्मदर महज 1.2 है। युद्ध के कारण आर्थिक अस्थिरता और सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते लोग बच्चों के जन्म को लेकर हिचकिचा रहे हैं। हॉन्गकॉन्ग और मकाउ की भी स्थिति यूक्रेन जैसी ही बनी हुई है।


2024 यूरोपीय देशों की आबादी घटने की चिंता

यूरोप के कई देश जैसे इटली, स्पेन और पोलैंड भी आबादी घटने की समस्या से जूझ रहे हैं। इन देशों में औसत जन्मदर 1.3 है। सरकारें परिवारों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं, लेकिन अब तक इसमें विशेष सफलता नहीं मिली है।


जापान: अस्तित्व के संकट की चेतावनी

जापान की स्थिति भी चिंताजनक है, जहां जन्मदर 1.4 है। जापान के एक मंत्री ने हाल ही में कहा था कि यदि यह स्थिति जारी रही तो भविष्य में जापान के अस्तित्व पर संकट आ सकता है। जापान सरकार विवाह को बढ़ावा देने और लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए अभियान चला रही है


दुनिया में घटती जनसंख्या पर चिंता

हालांकि वैश्विक स्तर पर संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार 2100 तक जनसंख्या वृद्धि जारी रहेगी, लेकिन कुछ देशों में घटती जन्मदर के कारण जनसंख्या में कमी आ सकती है। 2100 के बाद वैश्विक स्तर पर भी जन्मदर में गिरावट आएगी और दुनिया की आबादी घटने लगेगी।


दुनिया में 200 साल में 7 गुना बढ़ी आबादी

बीते 200 वर्षों में दुनिया की जनसंख्या में 7 गुना वृद्धि देखी गई है। यह वृद्धि वैश्विक इतिहास का एक महत्वपूर्ण कालखंड माना जाता है, जहां इतनी तेजी से जनसंख्या बढ़ी। हालांकि अब कई देश इस बढ़ती जनसंख्या से अलग, घटती जनसंख्या के संकट से जूझ रहे हैं।


भारत में फैमिली प्लानिंग का असर दिखने लगा

भारत भले ही दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया हो, लेकिन यहां भी फैमिली प्लानिंग का असर दिखने लगा है। 2024 में भारत की औसत जन्मदर 2.03 रही है, जो यह दर्शाता है कि लोग परिवार नियोजन के प्रति जागरूक हो रहे हैं। यदि यही रुझान जारी रहा तो आने वाले दशकों में भारत में भी जनसंख्या स्थिरता देखने को मिल सकती है।

2024-25


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घटती जन्मदर से जूझते देशों में जनसंख्या संकट गहराता जा रहा है। इन देशों की सरकारें इस समस्या को हल करने के लिए अलग-अलग उपाय अपना रही हैं। जहां भारत और चीन जैसे देश जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में काम कर रहे हैं, वहीं जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय देश जनसंख्या बढ़ाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।

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