यूपी में बीजेपी को क्यों पड़ी मुसलमानों की ज़रूरत, क्या है 2024 के समीकरण
भारतीय जनता पार्टी इस समय उस सोच को बदलने में लगी है, जिसमें उस पर मुस्लिम विरोधी होने का ठप्पा लगाया जाता है. विपक्षी लगातार भाजपा को मुसलमान विरोधी
भारतीय जनता पार्टी इस समय उस सोच को बदलने में लगी है, जिसमें उस पर मुस्लिम विरोधी होने का ठप्पा लगाया जाता है. विपक्षी लगातार भाजपा को मुसलमान विरोधी बताकर घेरने का काम करते हैं. यह बात कही जाती है कि चुनाव चाहे विधानसभा का हो या लोकसभा का, भाजपा को मुसलमानों को टिकट देकर उम्मीदवार बनाना गंवारा नहीं. यह अलग बात है कि बाद में इस समाज से किसी को मंत्री पद देकर यह बताने की कोशिश होती है कि पार्टी मुस्लिम विरोधी नहीं, बल्कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करती है. फिर चाहे पिछले कार्यकाल में भाजपा सरकार ने मोहसिन रजा (Mohsin Raza) को राज्यमंत्री बनाया हो या फिर इस बार पसमांदा समाज (Pasmanda Muslims) से आने वाले दानिश आज़ाद अंसारी (Danish Azad Ansari) को.
इन दिनों भाजपा की चाल कुछ बदली सी नज़र आ रही है. पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) जब भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा (BJP Minority Front) के प्रशिक्षण शिविर में पहुंचे, तो खुले मंच से कहा कि हम सबको साथ लेकर चलते हैं. पार्टी नेताओं की मानें तो निकाय चुनाव की चर्चा करते हुए भूपेंद्र चौधरी ने साफ कहा कि चाहे मुस्लिम बाहुल क्षेत्र हो पार्टी उसी मजबूती से चुनाव लड़ेगी जैसे बाकी जगह लड़ती है. यह भी संकेत दे दिए कि निकाय चुनाव में जहां जरूरत होगी, अल्पसंख्यक समाज के लोगों को भी पार्टी उम्मीदवार बनाएगी.
पसमांदा समाज से बेजीप का पुराना रिश्ता बताया
प्रशिक्षण शिविर के बाद इन बातों का असर भी दिखने लगा है. हाल ही में एक के बाद एक पसमांदा मुस्लिम समाज के दो बड़े आयोजन हुए. एक में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक मुख्य अतिथि रहे तो दूसरे में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मंच पर पसमांदा मुसलमानों को सम्मानित किया. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने यह तक समझाया कि कैसे पसमांदा समाज का पार्टी से गहरा रिश्ता है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी भी तेली समाज से आते हैं और पसमांदा समाज में ‘मलिक’ भी मुस्लिमों में तेली समाज से हैं. इसी तरह केशव मौर्य ने कई अन्य उदाहरण भी दिए और कहा कि हमारा रिश्ता बहुत पुराना है.