नाबालिग के साथ दो दिनों तक किया गया गैंगरेप, 16 गिरफ़्तार
महाराष्ट्र के पुणे में 31 अगस्त से 1 सितंबर के बीच 14 साल की लड़की का कथित तौर पर गैंगरेप किया गया. पुलिस ने इस मामले में 16 अभियुक्तों को गिरफ़्तार किया है.
पहले पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों को गिरफ़्तार किया था, इसके बाद गरुवार को पांच और लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. इस मामले में पुलिस ने एक लॉज में काम करने वाले दो लोगों समेत लड़की के एक दोस्त को भी गिरफ़्तार किया है.
पुलिस के मुताबिक़, 31 अगस्त को 14 साल की ये लड़की अपने दोस्त से मिलने पुणे रेलवे स्टेशन पहुंची थी. लेकिन उसका दोस्त वहां नहीं आया.
इसी दौरान एक ऑटो-रिक्शा वाले ने लड़की से कहा कि वो उसे घर छोड़देगा. लेकिन लड़की को किसी अनजान जगह पर ले गया. इसके बाद उसने अपने दोस्तों को फ़ोन किया और अगले दो दिनों तक वो अलग-अलग जगहों पर लड़की का बलात्कार करते रहे.
बाद में उन्होंने लड़की की मुंबई की एक बस में चढ़ा दिया.
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मुंबई पुलिस की डिप्टी कमिश्नर नर्मदा पाटिल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, “वनवाड़ी पुलिस स्टेशन में लड़की के पिता ने उसकी गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने लड़की की तलाश की और उसका बयान दर्ज किया.”
“बयान के आधार पर आठ अभियुक्तों को रविवार को गिरफ़्तार किया गया था. कोर्ट ने अभियुक्तों को 10 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया.”
फ़ोन की लोकेशन से लड़की का पता लगाया
फिलहाल पीड़िता का इलाज चल रहा है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
अभियुक्तों की शिनाख्त कराई जा रही है. पीड़िता का कहना है कि वो किसी भी अभियुक्त को पहले से नहीं जानती थी.
नर्मदा पाटिल ने बताया कि कुछ अभियुक्त ऑटो-रिक्शा चालक हैं जबकि दो रेलवे कर्मचारी बताए जा रहे हैं.
पुलिस का कहना है कि अभियुक्तों ने पीड़िता को मुंबई की एक बस में बैठा दिया था. इसके बाद वो अपने दोस्त के साथ चंडीगढ़ की ट्रेन पर चढ़ गई.
पीड़िता का मोबाइल लगातार बंद था, लेकिन जैसे ही फ़ोन को फिर से चालू किया गया, पुलिस को उसकी लोकेशन से पता चल गया कि वो चंडीगढ़ की ट्रेन में है.
पुलिस की एक टीम तुरंत प्लेन से चंडीगढ़ से लिए निकली. पुलिस ने पीड़िता के दोस्त को हिरासत में लिया और बाद में उस लॉज के दो लोगों को भी हिरासत में लिया जहां लड़की का रेप किया गया था.
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बीजेपी ने पूजा चव्हाण मामले को लेकर सवाल उठाए
महाराष्ट्र बीजेपी की उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने पुणे के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता से मुलाकात की और मामले की त्वरित जांच के लिए पुणे पुलिस की सराहना की. लेकिन, साथ ही उन्होंने पूजा चव्हाण मामले को लेकर कुछ सवाल भी उठाए.
चित्रा वाघ ने पूछा कि पूजा चव्हाण मामले में इतनी तेज़ी से जांच क्यों नहीं कराई गई. उन्होंने कहा, “ये वही पुणे पुलिस हैं और यह वही मुख्यालय है. संजय राठौड़ का केस भी इसी इलाक़े का है. लेकिन, उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.”
कुछ महीने पहले पुणे में एक युवती पूजा चव्हाण ने आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में शिवसेना विधायक और तत्कालीन मंत्री संजय राठौड़ पर कई आरोप लगे थे. आखिरकार राठौड़ को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा
पुणे में हुई इस सामूहिक बलात्कार की घटना के बारे में बात करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता किरण मोघे ने कहा, “इस घटना के बारे में पता चलने के बाद मैं हिल गई थी. आरोपियों को यह विश्वास होगा कि वे एक लड़की के साथ बलात्कार करने के बाद भी पकड़े नहीं जाएंगे.”
हमें यह सोचने की ज़रूरत है कि अपराधी देश के कानून से क्यों नहीं डरते. हमें इस बारे में भी गंभीरता से सोचने की ज़रूरत है कि हमारे समाज में इस तरह की मानसिकता क्यों पनप रही है.”
उन्होंने कहा, “ऐसी घटनाएं महिलाओं के प्रति नफ़रत को दर्शाती हैं. महिलाओं के साथ किसी वस्तु की तरह व्यवहार किया जाता है. किसी मामले में एक अभियुक्त हों कई, हमें हर घटना पर गंभीरता से विचार करने की ज़रूरत है.”