कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से यूपी के 15 जिले 30 अप्रैल तक सील-आर.के तिवारी
कोरोना वायरस की वजह से देश में 21 दिन का लॉक डाउन है। 14 अप्रैल को लॉक डाउन खत्म होने की मियाद है। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आ रही है कि इसे लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए यूपी के 15 जिले 30 अप्रैल तक के लिए सील कर दिए गए हैं। जिसमें लखनऊ, शामली, मेरठ, बुलंदशहर, आगरा, ग़ाज़ियाबाद, नोएडा, सीतापुर, सहारनपुर, बस्ती, महाराजगंज, फ़िरोज़ाबाद, कानपुर, बरेली और वाराणसी सील कर दिए गए हैं। ये सभी कोरोना से प्रभावित जिले है। आज रात 12 बजे से इन सभी जिलों को पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा।
यूपी के मुख्य सचिव उत्तर का कहना है कि प्रदेश के 15 जिलों में कोरोना का लोड काफी हाई है। इसलिए प्रभावित क्षेत्रों को सील करने के निर्देश दिए गए हैं। वहां 100% होम डिलीवरी सुनिश्चित की जाएगी। केवल स्वास्थ्य विभाग और होम डिलीवरी करने के अलावा कोई और नहीं जाएगा
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में लगातार कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। प्रदेश में 333 कोरोना के मामले सामने आ गए हैं। योगी सरकार पहले ही इस बात को कह चुकी थी कि अगर यूपी में एक भी मामला बढ़ता है तो लॉक डाउन की मियाद को लेकर विचार किया जाएगा।
यूपी के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने 15 जिलों को सील करने के लिए कमिश्नर डीएम और सभी कप्तानों को निर्देश दे दिए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि इन जिलों में लॉक डाउन को ठीक तरीके से प्रभावित क्षेत्रों को सील कर दें।
आपको बता दें मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों से कहा कि कोरोना के हॉटस्पॉट क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की 100% होम डिलीवरी के निर्देश दिए हैं। साथ ही दुकानों, सब्जी मंडी को भी ना खोलने के निर्देश दिए हैं। जिससे सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन का सख्ती से पालन किया जा सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी घरों को जांच कर सैनिटाइज किया जाए। आवश्यक वस्तु से संबंधित फैक्ट्री, प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों को जिनका आना-जाना जरुरी है। उन्हें भी अलग-अलग वाहनों के साथ पर स्थान पर अलग वाहनों के माध्यम से लाने की व्यवस्था की जाए। सड़कों पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं अन्य आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति में लगे व्यक्तियों के अलावा बाकी किसी व्यक्ति को बाहर निकलने न दिया जाए साथ ही उन्हें घर पर ही रहने के लिए कहा जाए। पेट्रोलिंग कर इसे सुनिश्चित किया जाए और इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार कार्यवाही कर इसकी सूचना प्रेषित की जाए।