सेना में शामिल हुए 118 अर्जुन मार्क 1A टैंक, जानें इसकी खासियत
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर पाकिस्तान और पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पिछले कई महीनों से जारी तनाव के बीच युद्धक टैंक आज भारतीय सेना में शामिल हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई में हुए एक कार्यक्रम में देश के मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन मार्क को राष्ट्र को समर्पित किया. तमिलनाडु और केरल के दौरे पर पीएम मोदी ने स्वदेशी अर्जुन मेन बैटल टैंक (एमके-1ए) चेन्नई में सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को सौंपा.
हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने 118 उन्नत अर्जुन मार्क 1A टैंक को भारतीय सेना में शामिल करने का फैसला किया गया था. 8,400 करोड़ रुपये की कीमत वाले इस टैंक को पूरी तरह भारत में बनाया गया है. इस टैंक का निर्माण और विकास पूरी तरह से DRDO ने किया है और ये भारतीय सेना की हर जरूरतों को पूरा करने वाला है. अर्जुन टैंक को DRDO कंबैट वीकल्स रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट इस्टेबलिस्टमेंट में डिजाइन किया गया है.
अर्जुन मार्क 1A की क्या है खासियत
अर्जुन मार्क 1A टैंक के नये वर्जन को और भी आधुनिक तकनीक से लैस किया गया है. अर्जुन मार्क 1A में फायर पावर बढ़ाया गया है है. वहीं टैंक अपने लक्ष्य को स्वयं तलाश करने में सक्षम है.
- इस टैंक की खास बात ये है कि टैंक लगातार हिलने वाले लक्ष्यों पर भी अचूक निशाना लगा सकता है वहीं लैंड माइंस को साफ करते हुए आसानी से बढ़ सकता है. इतना ही नहीं टैंक के आगे ग्रेनेड व मिसाइल हमले से बेअसर रहेगा.
- अर्जुन मार्क 1A को हंटर किलर टैंक कहा जाता है. इस एक ट्रैंक को तैयार करने में 54 करोड़ रुपये की लागत आई है. 118 टैंक आज भारतीय सेना में शामिल किए गए हैं. 124 अर्जुन टैंक पहले से सेना के बेड़े में शामिल हैं.
- अर्जुन टैंक को केमिकल अटैक से बचाने के लिए इसमें स्पेशल सेंसर लगाए गए हैं. ये टैंक भारतीय सेना के बख्तरबंद कोर में दो रेजीमेंट बनाएंगे. पश्चिमी राजस्थान में इनके कोर होने का मतलब है कि पाकिस्तान इनके निशाने से दूर नहीं होगा.