पुणे में 57 साल बाद 114mm बारिश, गुजरात के 10 जिलों में बाढ़—सूरत में 1 लाख प्रभावित; 18 राज्यों में जारी अलर्ट;
हाल ही में पुणे में रिकॉर्ड तोड़ बारिश की घटना ने सभी का ध्यान खींचा है। 57 साल बाद पुणे में 114 मिमी बारिश हुई है, जिसने शहर को गंभीर जलभराव की स्थिति में डाल दिया है।
**पुणे में 57 साल बाद 114mm बारिश, गुजरात के 10 जिलों में बाढ़—सूरत में 1 लाख प्रभावित; 18 राज्यों में जारी अलर्ट**
हाल ही में पुणे में रिकॉर्ड तोड़ बारिश की घटना ने सभी का ध्यान खींचा है। 57 साल बाद पुणे में 114 मिमी बारिश हुई है, जिसने शहर को गंभीर जलभराव की स्थिति में डाल दिया है। इसके साथ ही, गुजरात के 10 जिलों में बाढ़ का स्थिति उत्पन्न हो गई है, और सूरत शहर में करीब 1 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इस आपदा के मद्देनजर, 18 राज्यों में मौसम संबंधी अलर्ट जारी किया गया है।
**पुणे में भारी बारिश: ऐतिहासिक घटना**
पुणे में पिछले 57 सालों में इतनी भारी बारिश का रिकॉर्ड नहीं था। इस बार 114 मिमी की बारिश ने शहर की नदियों और नालों को उफान पर ला दिया। सड़कें जलमग्न हो गईं, और कई स्थानों पर आवागमन ठप हो गया। पुराने समय में ऐसी भारी बारिश के कारण पुणे में अक्सर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती थी, लेकिन हाल के दशकों में यह घटना बहुत दुर्लभ हो गई थी।
बारिश के कारण शहर की कई निचली इलाकों में पानी भर गया, जिससे स्थानीय प्रशासन को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लानी पड़ी। पुणे नगर निगम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित प्रतिक्रिया दी है, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
**गुजरात में बाढ़ की स्थिति: सूरत में 1 लाख लोग प्रभावित**
गुजरात के 10 जिलों में बाढ़ की स्थिति ने गंभीर रूप ले लिया है। विशेषकर सूरत शहर, जो राज्य का एक प्रमुख आर्थिक केंद्र है, बाढ़ की चपेट में आ गया है। शहर में भारी बारिश के कारण नदियों ने खतरे के निशान को पार कर लिया है और सड़कों पर पानी भर गया है।
सूरत के विभिन्न इलाकों में जलभराव की स्थिति ने लगभग 1 लाख लोगों को प्रभावित किया है। कई लोगों के घरों में पानी भर गया है और सार्वजनिक सुविधाएं ठप हो गई हैं। राहत और बचाव कार्यों के तहत, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (NDRF) और अन्य एजेंसियां प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच चुकी हैं और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की कोशिश की जा रही है।
**18 राज्यों में जारी अलर्ट: व्यापक प्रभाव**
इन घटनाओं के मद्देनजर, मौसम विभाग ने 18 राज्यों में मौसम संबंधी अलर्ट जारी किया है। पश्चिमी भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है, और इसके साथ ही उत्तर भारत में भी मौसम के परिवर्तन के संकेत हैं।
मौसम विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने और सतर्क रहने की सलाह दी है। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में, जहां बाढ़ की संभावना है या भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है, वहां के लोगों को एहतियात बरतने और स्थानीय प्रशासन की सलाह मानने की अपील की गई है।
**निष्कर्ष**
इस समय भारतीय उपमहाद्वीप में मौसम की चरम स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, और पुणे तथा गुजरात में आई बाढ़ की स्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जलवायु परिवर्तन और मौसम की अनियमितताओं के प्रति हमारी सतर्कता और तैयारी को बढ़ाने की जरूरत है। राहत और बचाव कार्यों के साथ-साथ, इस प्रकार की घटनाओं के प्रभाव को कम करने के लिए दीर्घकालिक योजना और प्रबंधन की आवश्यकता है।
सभी प्रभावित क्षेत्रों में मदद और पुनर्वास कार्यों के लिए सामुदायिक और सरकारी प्रयासों की आवश्यकता है ताकि इस प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर तैयारी की जा सके।