MP में 10 साल के मासूम को लॉकअप में डाला!:
ऋषि पंचमी की पूजा के लिए पौधा लेने नेशनल पार्क में घुसे बाप-बेटे; लेडी रेंजर ने पकड़कर दोनों को ढाई घंटे लाकअप में रखा, हंगामे के बाद छोड़ा
बच्चे के पिता का आरोप है कि बेटे को भी उनके साथ लॉकअप में बंद कर दिया था। मीडिया के आने के बाद उसे बाहर निकाला।
शिवपुरी के भदैया कुंड (नेशनल पार्क एरिया) में ऋषि पंचमी की पूजा के लिए अपामार्ग पौधा लेने गए दो युवकों और 10 साल के बच्चे को वन विभाग ने सजा दे दी। दोनों युवकों को करीब 5 घंटे तक लॉकअप में बंद रखा और बच्चे को थाने में बिठाया। इसके बाद 500 रुपए का चालान काटकर तीनों को छोड़ दिया गया। ऋषि पंचमी के व्रत और पूजन के लिए महिलाओं को अपामार्ग पौधे के दातुन की जरूरत होती है। इसी पौधे को लेने नीरज सिंह सिसौदिया और ठाकुरदास शाक्य अपने 10 साल के बेटे को लेकर भदैया कुंड के जंगल में गए थे।
नीरज ने बताया कि वे और ठाकुरदार अपने बच्चे के साथ अपामार्ग का पौधा लेने आए थे। जब वे यहां आए, तब रेंजर पिंकी रघुवंशी अपने ड्राइवर के साथ वहीं खड़ीं थीं। वे करीब 10 मिनट वहां खड़े रहे, लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा। इसके बाद जैसे ही पौधा लेने के लिए दीवार फांदने लगे, वैसे ही रेंजर के ड्राइवर ने पकड़ लिया। वे हमें फॉरेस्ट थाने लेकर गए और तीनों को लॉकअप में बंद कर दिया। इस दौरान बच्चा रो रहा था, लेकिन उसे भी नहीं छोड़ा। जब मीडिया वहां पहुंची और हंगामा मचने लगा तो बच्चे को लॉकअप बाहर निकाला गया।
पिता और एक अन्य को ढाई घंटे तक लॉकअप में रहना पड़ा।
मैडम सुनने को तैयार नहीं थीं
ठाकुरदास ने बताया कि हम तो सिर्फ पौधा लेने आए थे। हमें लॉकअप में करीब ढाई घंटे बंद रखा। मोबाइल भी छीन लिया था। मीडिया के आने के बाद मोबाइल दिया। बच्चा भी मेरे साथ ही दो से ढाई घंटे रहा। बच्चे ने बताया- सुबह पापा के साथ दातुन की लकड़ी लेने गए थे। मैडम ने हमें पकड़ा और पापा को लॉकअप में बंद कर दिया।
रेंजर पिंकी रघुवंशी ने कहा – नेशनल पार्क एरिया में घुसे थे।
अवैध एंट्री करने पर पकड़ा था
रेंजर पिंकी रघुवंशी का कहना है कि मामला अवैध प्रवेश का था। बच्चे को नहीं उसके पिता को पकड़ा गया था। वे बाउंड्रीवॉल पार कर भीतर घुसे थे। यह एक नेशनल पार्क है। आम लोगों की एंट्री पूरी तरह से बंद है। इस प्रकार से एंट्री ही अपराध है। हमें इस प्रकार से अवैध प्रवेश में रोक लगाने के लिए आमजनों की मदद की जरूरत है।
क्या कहता है कानून
अधिवक्ता चंद्रभान सिंह सिकरवार की मानें तो कानून कहता है कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी या अफसर के सामने कोई अपराध हो रहा है या अपराध होने की संभावना है, तो उसे होने से रोकना चाहिए। एक आम आदमी भी यह कर सकता है, यह मूल कर्तव्य की श्रेणी में आता है।