10 साल की काजल 7 दिनों में प्रयागराज से पहुंचेगी लखनऊ सीएम आवास, क्यों उठाया ये बड़ा कदम
10 साल की काजल 7 दिनों में प्रयागराज से पहुंचेगी लखनऊ सीएम आवास
प्रयागराज: ऐसा कहा जाता है अगर दुनिया में इन्सान कुछ चाह ले तो कुछ भी कर सकता है. क्योंकि हिम्मत से बढ़कर कुछ नहीं होता है. बता दें पिछले साल इंदिरा मैराथन में हिस्सा लेकर सुर्खियों में आई कक्षा 4 की छात्रा काजल ने इस बार कुछ बड़ा करने की ठानी है. 10 साल की काजल रविवार को प्रयागराज से दौड़ लगाकर 17 अप्रैल को लखनऊ सीएम आवास पहुंचेगी. वहीं, प्रयागराज के सिविल लाइंस के सुभाष चौराहे से लखनऊ के लिए रवाना होने से पहले काजल ने बताया कि उसने पिछले साल इंदिरा मैराथन दौड़ में हिस्सा लिया था, लेकिन न तो उसके स्कूल और न ही जिला प्रशासन ने उसकी सराहना की थी.
वहीं, काजल के कोच रजनीकांत ने बताया कि प्रयागराज के बाद काजल का पहला पड़ाव फाफामऊ होगा, जहां वह विश्राम करेगी. फिर सोमवार को प्रतापगढ़ के कुंडा के लिए रवाना होगी, जहां काजल कुंडा के विधायक राजा भैया के घर विश्राम करने की योजना है. कुंडा के बाद काजल ऊंचाहार, रायबरेली से होते हुए 17 अप्रैल को लखनऊ पहुंच जाएंगी. बता दें कि प्रयागराज से लखनऊ की दूरी करीब 200 किलोमीटर है.
रजनीकांत के मुताबिक, काजल प्रयागराज से लखनऊ की अपनी यात्रा में रोजाना 35 से 40 किलोमीटर दौड़ लगाएगी. उन्होंने बताया कि अत्यधिक गर्मी पड़ने की वजह से वह दोपहर में विश्राम करेगी और सुबह 5 बजे से 8 बजे व शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच दौड़ लगाएगी.
मांडा के राजा विश्वनाथ प्रताप सिंह के क्षेत्र से है संबंध
काजल के कोच रजनीकांत के मुताबिक, मांडा के राजा एवं पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के क्षेत्र में स्थित ललितपुर गांव की रहने वाली काजल अपनी 3 बहनों में सबसे छोटी है और उसके पिता नीरज बिंद रेलवे में प्वाइंट्समैन के पद पर कार्यरत हैं. वहीं, काजल ने उम्मीद जताई कि सीएम योगी आदित्यनाथ धाविका बनकर देश का नाम रोशन करने का सपना पूरा करने में उसके हर तरह की मदद देंगे.
रजनीकांत ने बताया कि पिछले साल इंदिरा मैराथन में दौड़ पूरी करने के बावजूद काजल को स्टेडियम के मंच पर जाने से रोक दिया गया था, जिससे वह बहुत ज्यादा दुखी हुई थी और आगे कुछ बड़ा करने की ठानी थी.
इससे पहले प्रयागराज से इंडिया गेट तक दौड़ चुकी है काजल
काजल इससे पहले प्रयागराज से इंडिया गेट तक दौड़ चुकी है. इस दौरान उसने 16 दिन में 720 किलोमीटर की दूरी पूरी की थी. वहीं, इंडिया गेट पहुंचने के बाद यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ कई एनजीओं ने उनको सम्मानित किया था.