प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ के 100वे एपिसोड की 10 अहम बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ ने आज अपनी 100वीं कड़ी पूरी कर ली। इस मील के पत्थर को “ऐतिहासिक” माना गया क्योंकि एपिसोड को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भी लाइव प्रसारित किया जा रहा है।
कार्यक्रम से जुड़ी 10 अहम बातें
- “मन की बात’ देश और देशवासियों के लिए अच्छाई और सकारात्मकता का एक अनूठा पर्व बन गया है। हर महीने आने वाला ऐसा पर्व, जिसका हम सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। हम इसमें सकारात्मकता का उत्सव मनाते हैं। हम इसमें जन-भागीदारी का भी उत्सव मनाते हैं।”
- मन की बात करोड़ों भारतीयों की मन की बात है, उनकी भावनाओं की अभिव्यक्ति है।
- “3 अक्टूबर 2014 को विजयादशमी का पर्व था और हम सबने मिलकर विजयादशमी के दिन ‘मन की बात’ की यात्रा शुरू की। विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। ‘मन की बात” देशवासियों की अच्छाई और सकारात्मकता का अनूठा पर्व बन गया है।”
- “चाहे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात हो, या स्वच्छ भारत आंदोलन की, खादी की हो या प्रकृति से मोहब्बत की, आज़ादी का अमृत महोत्सव की बात हो या अमृत सरोवर की, मन की बात जिस भी विषय से जुड़ा है, उसने जनमानस में बदलाव किए हैं। मन की बात कार्यक्रम को लोगों ने आंदोलन ने बादल दिया है।
- “मेरे लिए ‘मन की बात’ कोई कार्यक्रम नहीं है, मेरे लिए यह आस्था, पूजा या व्रत का विषय है। जैसे लोग जब भगवान की पूजा करने जाते हैं, तो वे प्रसाद की थाल साथ लाते हैं। मेरे लिए, ‘मन की’ बात ‘जनता-जनार्दन’ के रूप में भगवान के चरणों में प्रसाद की थाल की तरह है। ‘मन की बात’ मेरे अस्तित्व की आध्यात्मिक यात्रा बन गई है।”
- “मैं हमेशा कहता हूं कि पर्यटन के लिए विदेश जाने से पहले, हमें अपने देश के कम से कम 15 पर्यटन स्थलों का दौरा करना चाहिए और ये गंतव्य उस राज्य से नहीं होने चाहिए जहां आप रहते हैं … वे आपके राज्य के बाहर किसी अन्य राज्य से होने चाहिए।”
- “आज हम ‘मन की बात’ की 100वीं कड़ी को चरैवेति चरैवेति की इसी भावना के साथ पूरा कर रहे हैं। भारत के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने में, ‘मन की बात’ एक माला के धागे की तरह है, जो प्रत्येक मनके को एक साथ रखती है।”
- “हर एपिसोड में देशवासियों की सेवा भावना और क्षमता ने दूसरों को प्रेरित किया है। इस कार्यक्रम में हर देशवासी दूसरे देशवासियों के लिए प्रेरणा बनता है। एक तरह से मन की बात का हर एपिसोड अगले एपिसोड के लिए जमीन तैयार करता है।”
- “मेरा अटूट विश्वास है कि सामूहिक प्रयास से सबसे बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है।”
- “मन की बात’ के माध्यम से, कई जन आंदोलन अस्तित्व में आए और गति प्राप्त की। उदाहरण के लिए, हमारे खिलौने और हमारे खिलौना उद्योग को फिर से स्थापित करने का मिशन ‘मन की बात’ से शुरू हुआ। भारतीय के बारे में जागरूकता बढ़ाने की शुरुआत ब्रीड डॉग्स, हमारे देसी डॉग्स की शुरुआत भी ‘मन की बात’ से ही हुई थी।”