बिहार के बेगूसराय में सरकारी एम्बुलेंस चालक की निर्मम हत्या 

 

बिहार के बेगूसराय से एक बड़ी और शर्मनाक ख़बर सामने आई है. बेगूसराय में बेखौफ अपराधियों ने मंडल कारा के सरकारी एंबुलेंस चालक के दोनों हाथ का नस काट एवं गला घोट कर निर्मम तरीके से हत्या कर दी। इस हत्या के बाद इलाके में सनसनीफैल गई है। बताया जा रहा है घटना नगर थाना क्षेत्र के सुभाष चौक स्थित एनएच 31 के  की है। मृतक की पहचान नगर थाना क्षेत्र के मोहम्मद पुर वार्ड नंबर 38 निवासी पन्नू रजक के लगभग 40 वर्षीय पुत्र धर्मेंद्र रजक के रूप में की गई है।

 

 

 

बताया जाता है कि कल देर शाम मंडल कारा में सजा काट रहे गंभीर रूप से बीमार रेफर मरीज कैदी को सदर अस्पताल बेगुसराय से पीएमसीएच में ले गया था.. भर्ती कराकर बेगूसराय लौटने के दौरान सुभाष चौक के निकट एनएच 31पर अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया गया है। परिजनों ने बताया कि अपराधियों ने पहले मृतक के दोनों हाथ की नस को काटा, उसके बाद एसिड पिलाई फिर गला काटकर उसे छोड़ मौके से फरार हो गए। दर्द से कड़ाहते जख्मी चालक मदद के लिए रात के अंधेरे में लगातार टॉर्च की रौशनी से लोगों को इशारे करने भरसक प्रयास किया। लेकिन उस जगह कोई नहीं मिला। फिर बाद में नगर थाने के पुलिस उस रास्ते से गुजर रहे थे। तभी गंभीर हालत एवं खून से लथपथ बेहोश पड़ा एनएच 31 किनारे उसको देखकर उठाकर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। उसके बाद आई कार्ड के माध्यम से इसकी सूचना पुलिस के द्वारा परिजनों को दी गई। परिजन उस अस्पताल पहुंचा जहां कुछ देर के बाद ही मृतक धर्मेंद्र रजक की मौत हो गई।

 

मरीज को लेकर पीएमसीएच गया था मृतक

 

इस मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया।मृतक के बेटे संदीप कुमार ने पुलिस को बताया कि सोमवार रात 9 बजे पापा ने फोन पर कहा था कि वे बेगूसराय सदर अस्पताल से बीमार कैदी को लेकर PMCH पटना जा रहे हैं। मंगलवार को सुबह घर लौटेंगे। आज सुबह पुलिस ने उनकी हत्या की सूचना दी तो दंग रह गए। परिजनों का कहना है कि धर्मेंद्र की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। 23 मार्च को उसकी स्कार्पियो दरवाजे से चोरी हो गई थी।

अपराधियों ने बेरहमी से उसकी हत्या की है। पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले और हत्यारे की जल्द से जल्द गिरफ्तारी करे।  परिजनों ने आरोप लगाया है कि जिस तरीके से अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया है वह कहीं ना कहीं सोची समझी साजिश के तहत की गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि जब बीमार कैदी को लेकर पीएमसीएच पटना ले गया तो एक भी सिपाही उसके साथ क्यों नहीं था।अगर उनके साथ एक भी सिपाही रहते तो आज इनकी हत्या नहीं होती। परिजनों ने सरकार से मांग किया है कि इसकी जांच सीबीआई से कराई जाए ताकि अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार हो सके।

 

पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार मृतक धर्मेंद्र रजक 20 बरसों से बेगूसराय मंडल कारा में कार्यरत थे। फिलहाल नगर थाने के पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बेगूसराय सदर अस्पताल भेज दिया और आगे की कार्रवाई में जुट गई है। बरहाल जो भी हो जिस तरीके से मंडल कारा के एंबुलेंस चालक की हत्या के बाद एक बार फिर जेल प्रशासन पर सवाल खड़ा होते नजर आ रहा है

 

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