प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर अंगदान के शिविर का आयोजन: एसपी सिंह बघेल
उत्तर प्रदेश: आदरणीय प्रधानमंत्री जी के जन्मदिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष 14 सितम्बर से 20 सितम्बर तक हम “सेवा- सप्ताह के रूप में मनाते हैं। आपको यह सूचित करते हुए मुझे खुशी हो रही है कि इस उपलक्ष्य में इस वर्ष, दिनांक 16 सितम्बर, 2023 को मेरे लोकसभा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र आगरा में अंगदान के लिए पंजीकरण हेतु एक शिविर का आयोजन कर रहा हूँ।
हमारे देश में अंगदान की दर प्रति 10 लाख की जनसंख्या में से भी कम है। अंगों की उपलब्धता बढ़ा कर हम अनेक बहुमूल्य जीवन बचा सकते हैं। अंगदान द्वारा एक व्यक्ति मरणोपरांत भी 8 जीवन बचा सकता है। मैंने गत अंगदान दिवस को स्वेच्छा से अंगदान के लिए सपरिवार पंजीकृत किया है।मुझे विश्वास है कि प्रेम की नगरी आगरा के निवासी ऐसे पुण्य के कार्य के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। मेरा आपसे आग्रह है कि दिनांक 16 सितम्बर, 2023 को आगरा स्थित जी.आई.सी. ग्राउन्ड में प्रातः 10.00 बजे से मध्याह्न 01.00 बजे तक आयोजित अंगदान पंजीकरण शिविर में उपस्थित होकर नैशनल ऑर्गन एण्ड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (NOTTO) की वेबसाइट पर किडनी, लिवर, पैन्क्रीयाज, हृदय, फेफड़े, अर्ति, कॉर्निया और हड्डी, इनमें से एक, एक से अधिक अथवा सभी आठों अंगों का स्वेच्छा से दान करने के लिए पंजीकरण करें।
निवेदन करता हूँ कि आप अपने परिवार एवं साथियों सहित मानव सेवा के इस महान कार्य में अवश्य भाग लेकर अपना योगदान दें।
अंगदान के लिए पंजीकरण हेतु अपना आधार कार्ड और आधार से जुड़ा हुआ मोबाइल अवश्य साथ लाएं। अंगदान की विस्तृत जानकारी आपके सूचनार्थ संलग्न कर रहा हूँ।
भारत में सड़क यातायात दुर्घटनाओं के कारण प्रांत वर्ष लगभग 1.5 लाख मात होता है इनमें बड़ी संख्या में अंगों और ऊतक का उपयोग किया जा सकता है।एक व्यक्ति अपने किड्नी, लिवर, पैन्क्रियाज़, हृदय, फेफड़े, आंत, कॉर्निया और हड्डी, इनमें सेएक, एक से अधिक अथवा सभी आठों अंगों का स्वेच्छा से दान करने के लिए पंजीकरण कर सकता है।18 वर्ष अथवा उससे ज्यादा उम्र वाले एक व्यक्ति स्वेच्छा से अपने करीबी रिश्तेदारों कोदेश के कानून व नियमों के दायरे में रहकर अंगदान कर सकता है।
वह अपने जीवनकाल के दौरान कुछ अंग दान कर सकता है जैसे एक किडनी, लिवर का
कुछ भाग पैन्क्रियाज़ का कुछ भागा एक किड्नी सामान्य जीवन व्यतीत करने के लिए पर्याप्त है। • लिवर का हिस्सा प्राप्तकर्ता और दानकर्ता, दोनों में कुछ समय बाद पुनः विकसितहो जाता है। पैन्क्रियाज का आधा हिस्सा ही हमारे शरीर के लिए पर्याप्त है। जीवित रहते हुए निकटतम रिश्तेदार, अन्य दान कर्ता अथवा swap दान कर्ता द्वारा अंगदानकिया जा सकता है।
मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम के अनुसार कोई भी जीवित दान कर्ता निकट रिश्तेदारके अलावा भी स्नेह, लगाव व अन्य विशेष कारणों से अंगदान कर सकता है।के मामले अस्पताल की प्राधिकार समिति द्वारा अनुमोदित किए जाते हैं। यदि अस्पताल
में इस प्रकार की समिति न हो, तो संबंधित जिले या राज्य स्तर की प्राधिकार समिति द्वारा
अनुमोदन किया जा सकता है।
मरणोपरांत अंगदान
o कोई भी व्यक्ति, किसी भी आयु में मृत्यु (मस्तिष्क या हृदय मृत्यु के पश्चात अपने अंग
एवं ऊतक दान कर सकता है। मृतक व्यक्ति यदि 18 वर्ष से कम आयु के हों, तो माता-
पिता या उनके द्वारा प्राधिकृत रिश्तेदार की सहमति आवश्यक है।
प्रत्यारोपण के लिए समय सीमा
० मृतक व्यक्ति के स्वस्थ अंगों के प्रत्यारोपण के लिए अलग- सीमा निर्धारित
• हृदय 4 से 6 घंटे
• फेफड़े 4 से 8 घंटे
• छोटी आंत 6 से 10
लिवर 12 से 15 घंटे
पैनक्रियाज 12 से 24 घंटे
गुर्दा – 12 से 48 घंटे
● इसलिए यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु अस्पताल, जहां अंग प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्धहो, में होती है, तभी दान किए गए अंग निकाले जा सकते हैं। घर पर मृत्यु होने पर कोई भी दे सकता है।
•इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800114770