देश भर के व्यापारियों की निगाहें कल केंद्रीय बजट पर टिकी
कोरोना लॉक डाउन के दौरान देश भर में आवश्यक सामानों की आपूर्ति को बनाये रखने में देश के व्यापारियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन उसके बावजूद भी विभिन्न आर्थिक पैकजों में व्यापारियों को कोई भी आवंटन न होने से निराश देश भर के व्यापारियों ने कल संसद में प्रस्तुत होने वाले केंद्रीय बजट पर भारी उमीदें बाँधी हुई है ! कैट ने यह भी कहा की सरकार अपनी आय के स्त्रोत बढ़ाने के लिए संभवत कुछ कर लगाने की घोषणा कर सकती है लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा की कर कहाँ लगेगा और उसका व्यापार एवं उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ेगा ! कैट ने यह जोर दिया है की बजट में एक नेशनल ट्रेड पालिसी फॉर रिटेल ट्रेड, ई कॉमर्स पालिसी एवं एक ई कॉमर्स रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन तथा एक वोलंटरी डिस्क्लोज़र स्कीम (वीडीएस) भी घोषित होनी जरूरी है लेकिन वीडीएस स्कीम के अंतर्गत घोषित करने वालों से कोई पूछ ताछ न होने का आश्वासन भी दिया जाना आवश्यक है जिससे देश में कथित रूप से छिपे हुए कारोबार को मुख्य धारा से जोड़ा जा सके !
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की वर्तमान में व्यापारी वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं और उन्हें उम्मीद है की बजट में व्यापारियों को बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों से कम ब्याज पर तथा आसान शर्तों पर कारोबार के लिए धन मिले, इसकी नीति बजट में अवश्य घोषित होगी वहीँ कॉर्पोरेट सेक्टर पर जिस प्रकार से आय कर की उच्चतम सीमा 25 % है, व्यापारियों पर भी यह लागू होने का एलान भी बजट में होना चाहिए ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए देश के व्यापारियों, कारीगरों,हस्तशिल्पी एवं देश की प्राचीन कला का काम करने वाले लोगों को इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु भी एक व्यापक योजना बजट में घोषित होनी चाहिए वहीँ देश में महिला उद्यमियों के बढ़ावा देने के लिए भी बजट में एक विशेष प्रावधान की उम्मीद व्यापारी लगाए बैठें है !
भरतिया एवं खंडेलवाल ने यह भी उम्मीद जताई है की जीएसटी कर प्रणाली जो बेहद जटिल हो गई है उसके सरलीकरण की नीति भी बजट में घोषित हो वहीँ दूसरी ओर व्यापारियों पर लगे सभी प्रकार के कानूनों की समीक्षा के लिए एक टास्क फाॅर्स के गठन की घोषणा भी बजट का हिस्सा हो सकती है ! देश में घरेलू व्यापार पर लगे लगभग 28 तरह के लाइसेंस के स्थान पर आधार की तरह केवल एक लाइसेंस लागू करने की घोषणा भी बजट में होनी चाहिए वहीँ इज ऑफ़ ड्यूइंग बिजनिस को बढ़ावा देने के लिए भी एक व्यापक योजना बजट का हिस्सा हो सकती है ! उन्होंने यह भी कहा की देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे वीर जवानों तथा देश के सभी राज्यों की पुलिस के लिए एक विशेष कोष की स्थापना की घोषणा भी बजट में हो जिसमें देश के नागरिक स्वेच्छा से धन दे और वो दिया हुआ धन आयकर से मुक्त होना चाहिए !
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की सरकार द्वारा सभी विभागों को ई सिस्टम से जोड़ चुकी है , इस दृष्टि से सभी कर एवं अन्य कानूनों की समय पर पालना के लिए जरूरी है की व्यापारियों को भी कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से जोड़ा जाए, इस दृष्टि से व्यापारियों को कंप्यूटर एवं उससे सम्बंधित सामन खरीदने पर सरकार की ओर से सहायता देने का प्रावधान भी बजट की एक उम्मीद है वहीँ देश के रिटेल व्यापार के वर्तमान स्वरुप के आधुनिकीकरण के लिए भी सरकार की कोई सहायता योजना समय की मांग है ! उन्होंने यह भी कहा की डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले चार्ज को एक सब्सिडी के माध्यम से सरकार सीधे बैंकों को देने की नीतिगत घोषणा भी बजट का हिस्सा बननी चाहिए ! देश के निर्यात व्यापार को ज्यादा से ज्यादा आगे बढ़ाने के लिए व्यापारियों एवं अन्य लोगों को प्रोत्साहित करने की योजना भी बजट में घोषित होनी जरूरी है !
देश में लगभग 8 .5 करोड़ व्यापारी हैं जो सालाना 80 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार करते हैं और लगभग 40 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं