दिल्ली : केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में फेसबुक का साथ क्यों दे रही है? : सौरभ भारद्वाज
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता कर सुप्रीम कोर्ट में भाजपा शासित केंद्र सरकार के वकील तुषार मेहता द्वारा फेसबुक की वकालत करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति द्वारा फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष अजीत मोहन को तलब करने के मामले में भाजपा शासित केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में फेसबुक का साथ क्यों दे रही है? आखिर फेसबुक और केंद्र सरकार के बीच क्या रिश्ता है? भाजपा सरकार दिल्ली दंगों को भड़काने में फेसबुक की भूमिका की जांच पर आपत्ति जता रही है, इससे भाजपा पर गंभीर सवाल उठ हो रहे हैं।
भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति ने फेसबुक के अधिकारियों को समन भेजकर उसके सामने पेश होने के लिए कहा था। समिति ने फेसबुक से जानकारी मांगी थी कि आपके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किस तरह की खबरें प्रकाशित होती हैं। फेसबुक पर शेयर किए जाने वाली सामग्री को आप कैसे कंट्रोल करते हैं? उन्होंने कहा कि समिति ने फेसबुक से पूछा था कि अगर कोई यूजर फेसबुक पर दंगे भड़काने वाली सामग्री डालता है तो आप इसपर कैसे रोक लगाते हैं। दिल्ली में जो दंगे हुए थे, क्या उससे संबंधित भड़काऊ सामग्री आपके प्लेटफॉर्म पर शेयर की गई थी?
उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा की समिति के सामने पेश होने और जवाब देने से बचने के लिए फेसबुक ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। फेसबुक ने कोर्ट में कहा कि हम समिति के सामने पेश नहीं होना चाहते। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार के सबसे बड़े वकील तुषार मेहता ने कल सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने फेसबुक की वकालत की और कहा कि दिल्ली सरकार, विधानसभा और विधानसभा की समिति को यह हक नहीं है कि वो फेसबुक के अधिकारियों को बुलाकर पूछताछ कर सके। भारद्वाज ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार भी फेसबुक को बचाने की कोशिश कर रही है। फेसबुक और केंद्र सरकार के बीच में क्या रिश्ता है?