अखिलेश यादव ने क्यों कहा…”तो घण्टा बजा रहे होते योगी”
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को गोरखपुर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा | गोरखपुर में महागठबंधन की रैली में अखिलेश यादव ने कहा कि पिछली बार उप चुनाव में बसपा प्रमुख मायावती ने सिर्फ समर्थन दिया था तो कितनी बड़ी जीत मिली थी, लेकिन इस बार तो गठबंधन हो गया है | अब आवाज मठ तक चली गई है| अब तो वो (योगी आदित्यनाथ) जान गए होंगे | अखिलेश यादव ने कहा कि अब योगी आदित्यनाथ की भाषा बदल गई है| ये वो लोग हैं जिन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी, युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी| इन्होंने क्या किया | लोगों को नोटबंदी की तरह अब लाइन में लगकर सिलेंडर भरवाना पड़ रहा है |
अखिलेश यादव ने कहा कि गोरखुपर में बच्चों की जान चली गई क्योंकि सरकार के पास ऑक्सीजन के लिए पैसे नहीं थे | सरकार ने डॉक्टर को झूठा फंसाया जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उस डॉक्टर को निर्दोष करार दे दिया | उन्होंने पीएम मोदी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि चाय वाले ने देश को धोखा दिया | अखिलेश यादव ने पूछा, ‘कैसा रहा चाय का स्वाद?’ फिर उन्होंने कहा कि केवल चौकीदार की कुर्सी छीनने से काम नहीं चलेगा | ठोक देने वाले से भी कुर्सी छीननी है | ठोकीदार को भी हटाना है| लखनऊ में हजारों आवारा पशु घूम रहे हैं | बताओ जानवारों की वजह से जान चली जाए तो किसके खिलाफ FIR लिखवाएं?
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के एक बयान का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “वे हमें ‘सांप’ और ‘छछुंदर’ कहते हैं | यही मानसिकता है | बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान न दिया होता तो ये क्या कर रहे होते?…किसी मंदिर में बैठकर घंटा बजा रहे होते | ये लोग साजिश करके आरक्षण खत्म कर रहे हैं | ये चुनाव देश के भविष्य का चुनाव है | ये (पीएम मोदी) कहते हैं कि हम भारत को नया बनाना चाहते हैं | ये नोटबंदी का फायदा नहीं बता रहे हैं | पांच साल का अपना काम नहीं बता रहे हैं | ये देश को पीछे लेकर जा रहे हैं तो हम देश को नया प्रधानमंत्री देने जा रहे हैं |”