शिमला :संजौली मस्जिद का अवैध हिस्सा गिराने का काम शुरू: मजदूरों ने छत से टीन की शेड उखाड़ी
शिमला के संजौली क्षेत्र में स्थित एक मस्जिद को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। स्थानीय निवासियों और प्रशासन के बीच मस्जिद के अवैध हिस्से को लेकर बहस चल रही है।
हिमाचल की राजधानी शिमला में विवादित मस्जिद का मामला
अवैध मस्जिद का निर्माण
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली क्षेत्र में स्थित एक मस्जिद को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। स्थानीय निवासियों और प्रशासन के बीच मस्जिद के अवैध हिस्से को लेकर बहस चल रही है। इस मस्जिद के निर्माण को लेकर कई शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिसमें यह कहा गया है कि इसके कुछ हिस्से कानून के खिलाफ हैं।
मस्जिद कमेटी की पहल
हालांकि, विवाद के बीच मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्से को गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सोमवार को मजदूरों को बुलाया गया, जिन्होंने मस्जिद की छत से टीन शेड उखाड़ना शुरू कर दिया। मस्जिद कमेटी के सदस्यों ने बताया कि वे अपने कार्य को कानूनी तरीके से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और अवैध निर्माण को हटाने का निर्णय लिया है।
फंड्स की कमी का मुद्दा
मस्जिद कमेटी ने यह भी उल्लेख किया है कि गिराने के कार्य में कुछ समय लगेगा क्योंकि फंड्स की कमी है। इसके कारण काम की गति धीमी हो सकती है। कमेटी के सदस्यों का कहना है कि वे स्थानीय समुदाय से सहयोग की अपील कर रहे हैं ताकि आवश्यक फंड्स जुटाए जा सकें और मस्जिद के बाकी हिस्सों को कानूनी तरीके से सुरक्षित किया जा सके।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रियाएँ
संजौली क्षेत्र के निवासियों की प्रतिक्रियाएँ मिश्रित हैं। कुछ लोग इस कदम का समर्थन कर रहे हैं, उनका मानना है कि यह एक सकारात्मक पहल है जो कि स्थानीय कानूनों का सम्मान करती है। वहीं, कुछ अन्य लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे सकती है और समाज में असामंजस्य उत्पन्न कर सकती है।
प्रशासन की भूमिका
स्थानीय प्रशासन इस मामले पर नज़र बनाए हुए है और सभी गतिविधियों पर निगरानी रख रहा है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यदि मस्जिद के अन्य अवैध हिस्सों की पहचान की जाती है, तो उन्हें भी गिराने की प्रक्रिया की जाएगी। प्रशासन का मानना है कि यह कदम स्थानीय शांति और व्यवस्था को बनाए रखने में सहायक होगा।
‘हमास जिंदा है, इजरायल को मिलेगी जवाबदेही’
शिमला के संजौली में स्थित इस अवैध मस्जिद के मामले ने एक बार फिर से यह दर्शा दिया है कि स्थानीय विवादों को सुलझाना कितना महत्वपूर्ण है। मस्जिद कमेटी की पहल और स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रियाएँ इस मामले के आगे के घटनाक्रम को तय करेंगी। आशा है कि सभी पक्ष एक साथ मिलकर एक शांतिपूर्ण समाधान निकालेंगे।